बीड , दि.०८ : बीड शहर में विभिन्न विकास कार्यों के दौरान आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जाना चाहिए। ऐसा कार्य किया जाना चाहिए जो बीड के लोगों की स्मृति में बना रहे और शहर की शान भी बढ़ाए, ऐसा उपमुख्यमंत्री और जिले के पालकमंत्री अजित पवार ने कहा।
उपमुख्यमंत्री पवार ने आज सुबह बीड शहर में चंपावती क्रीड़ा मंडल, कंकालेश्वर मंदिर, जिला अस्पताल में चल रहे और नए शुरू हुए विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर विधायक विक्रम काले, विधायक विजयसिंह पंडित, पूर्व विधायक अमरसिंह पंडित, उपमुख्यमंत्री के सचिव डॉ. राजेश देशमुख, आदिवासी विकास विभाग के सचिव और जिले के पालक सचिव विजय वाघमारे, जिला कलेक्टर विवेक जॉनसन, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितिन रहमान, पुलिस अधीक्षक नवनीत कौत, सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता अतुल चव्हाण आदि उपस्थित थे।
कंकालेश्वर मंदिर का निरीक्षण करते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने संबंधित अधिकारियों से कार्यों की जानकारी ली। कंकालेश्वर मंदिर बीड शहर और जिले के श्रद्धालुओं का आस्था का स्थान है। कंकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में शुरू किए गए नए विकास कार्यों में परंपरा और आधुनिकता का संगम स्थापित करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जाएं जिन्हें बीड की जनता हमेशा याद रखे।
विकास कार्यों को करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि वे उच्च गुणवत्ता, गुणवत्ता और टिकाऊ हों तथा समय पर पूरे हों। उपमुख्यमंत्री पवार ने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं प्रदान करने वाले सभी पहलुओं को योजना में शामिल किया जाए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री पवार ने कंकालेश्वर मंदिर में दर्शन किए।
उपमुख्यमंत्री पवार ने जिला क्रीड़ा संकुल का निरीक्षण किया और उपस्थित नागरिकों से बातचीत की। जिला क्रीड़ा संकुल के लिए २४९९.९६ लाख रुपये के बजट में विशेष मद के रूप में संशोधित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सरकारी निर्णय भी जारी कर दिया गया है। क्रीड़ा संकुल के निर्माण कार्य से बिडकरों को एक सर्वसुविधायुक्त क्रीड़ा संकुल उपलब्ध होगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि नागरिक इसके लिए सहयोग करें, क्रीड़ा संकुल के आसपास के पूरे क्षेत्र की सफाई करें और नगर निगम प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि इस क्षेत्र में कहीं भी कचरा न दिखे।
उपमुख्यमंत्री पवार ने जिला अस्पताल में चल रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण कार्य करते समय अगले 50 वर्षों का समग्र दृष्टिकोण ध्यान में रखा जाना चाहिए, बिजली, पार्किंग, अग्निशमन प्रणाली और सुरक्षा के लिहाज से आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग किया जाना चाहिए और भवन निर्माण पूरा होने के बाद नागरिकों को संतुष्टि मिलनी चाहिए।
इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।