मुंबई, दिनांक०७ : राज्य में भूमि सर्वेक्षण कार्य को अधिक सरल, सटीक और तीव्र बनाने के लिए अत्याधुनिक रोवर्स महत्वपूर्ण हैं। राजस्व एवं भूमि अभिलेख विभाग को वर्तमान में मानवशक्ति की तुलना में १२०० रोवर्स की आवश्यकता है और इनकी खरीद के लिए १३२ करोड़ रुपये और राजस्व में चल रहे निर्माण कार्यों के लिए १६०० करोड़ रुपये के प्रावधान को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री पवार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले रोवर्स और लैपटॉप खरीदने के निर्देश दिए गए।
उपमुख्यमंत्री श्री पवार मंत्रालय में राजस्व विभाग के विभिन्न कार्यालय भवनों के लिए वित्तीय प्रावधान की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
बैठक में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता, राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे, वित्त विभाग के प्रधान सचिव सौरभ विजय, उपमुख्यमंत्री के सचिव राजेश देशमुख और पुणे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जमाबंदी आयुक्त और भूमि अभिलेख निदेशक सुहास दिवासे और पंजीकरण महानिरीक्षक रविंद्र बिनवाडे उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने कहा कि राज्य में भूमि सर्वेक्षण के लिए ई-सर्वे २.० लागू किया गया है और सर्वेक्षण के बाद, अक्षांश और देशांतर का निर्धारण रोवर्स द्वारा किया जाता है और सर्वेक्षण मानचित्र की डिजिटल प्रति जीआईएस प्रणाली में जनता के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में, भूमि अभिलेख कर्मचारियों की संख्या के अनुसार, चार हज़ार रोवर्स की आवश्यकता है और १२०० रोवर्स की खरीद को मंजूरी दी जा रही है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने भूमि अधिग्रहण और भूमि अभिलेख के पीएलए खाते से लैपटॉप खरीदने के निर्देश भी दिए।
राज्य में राजस्व विभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यालयों और आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा कुछ नए निर्माण कार्यों की स्वीकृति और लंबित कार्यों के लिए निधि उपलब्ध कराने के संबंध में ज्ञापन प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने राजस्व मंत्री श्री बावनकुले द्वारा की गई मांग पर संज्ञान लिया। उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने राजस्व विभाग के लंबित और नए कार्यालय निर्माण के लिए कुल १५०० करोड़ रुपये और भू-अभिलेख कार्यालयों के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान करते हुए इन कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक कार्य के लिए बिना किसी देरी के तुरंत कार्रवाई की जाए, शेष निधि दिसंबर के बाद प्रदान की जाएगी।
मंत्री श्री बावनकुले ने कहा कि राज्य में भूमि अभिलेख कार्यालय ज़िला कलेक्टर कार्यालय के पास ही हों, यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। तहसीलदार तालुका का प्रमुख होता है और चूँकि उसे रेत खनन वाले स्थानों पर छापेमारी करनी होती है, इसलिए उन्होंने पुलिस जैसी गाड़ियाँ रखने का सुझाव दिया।